मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती 2018 के रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है, हाई कोर्ट में ठीक करने का आदेश दिया
www.newsjobmp.com--मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती वर्ग 2 के परीक्षा परिणाम के संदर्भ में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर का आदेश
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बैंच ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) को निर्देशित किया है कि 15 दिन के भीतर पूर्व घोषित परीक्षा परिणाम में गलती सुधारकर याचिकाकर्ता को सूचित किया जाए। याचिकाकर्ता को 15 दिन के भीतर नए सिरे से पीईबी के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया है।
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती वर्ग 2 के रिजल्ट में क्या गड़बड़ी हुई है
रायसेन निवासी गेस्ट टीचर कुलदीप धाकड़ की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उन्होंने शिक्षक के लिए पात्रता परीक्षा दी थी। प्रश्न क्रमांक 16, 23 और 56 का सही उत्तर दिया था, लेकिन उसके अंक नहीं दिए गए। इसकी वजह से उनका रिजल्ट प्रभावित हुआ। उन्होंने पीईबी से गलती सुधारने का अनुरोध किया, लेकिन गलती नहीं सुधारी गई। अधिवक्ता अंशुमान सिंह के तर्क सुनने के बाद डिवीजन बैंच ने पीईबी को 15 दिन में रिजल्ट सुधारकर याचिकाकर्ता को सूचित करने का निर्देश दिया है।
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती 2018 के रिजल्ट में गड़बड़ी या घोटाला ?
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के प्रबंधन पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं । सवाल यह है कि क्या यह केवल एक ही मामला है या फिर ऐसे और भी कई मामले हैं। उम्मीदवार ने सबसे पहले बोर्ड को आवेदन दिया था परंतु PEB ने गलती नहीं सुधारी, क्यों ना यह मान लिया जाए कि यह एक घोटाला था क्योंकि यदि गड़बड़ी होती तो उसे तत्काल सुधार लिया जाता। जांच का विषय है कि ऐसे कितने उम्मीदवार हैं जिन्होंने अपने रिजल्ट को चुनौती दी है, और ऐसे कितने उम्मीदवार हैं जो यह समझते हैं कि उनका रिजल्ट वैसा नहीं है जैसी कि उम्मीद की गई थी।
मध्य प्रदेश PEB अपने कारनामों से वैसे तो पहले से ही बदनाम है|
शिक्षक भर्ती 2018 में भी PEB के द्वारा कम कारनामे नहीं किए गए
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती में अधिकांश विषयों के प्रश्नों को आउट ऑफ सिलेबस गलत आंसर दिए गए जिसकी वजह से बड़ी संख्या में प्रश्नों को डिलीट किया गया|
जिसके कारण कई पास अभ्यर्थी फेल हो गए|
आखिर परीक्षा एजेंसी की गलती कई बेरोजगार युवाओं का भविष्य ले डूबी
सवाल यह है कि कैसा परीक्षा है जिसमें डेट 150 प्रश्नों में से 30-30 प्रश्न तक डिलीट कर दिए जाते हैं
PEB का कहना है डिलीट किए गए प्रश्नों की बोनस अंक दिए गए
बोनस अंक देने से क्या फर्क पड़ेगा क्योंकि इसमें मेरिट लिस्ट के साथ पासिंग मार्क निर्धारित किए गए थे जिसके कारण कई परीक्षार्थी मेरिट लिस्ट से बाहर है|
सीधा एक प्रश्न का एक नंबर काट के कुछ पॉइंट में नंबर देने से परीक्षार्थियों को ही घाटा हुआ है|
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