यही नहीं, यदि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में टर्मिनल सेमेस्टर/अंतिम वर्ष का कोई भी विद्यार्थी उपस्थित होने में असमर्थ रहता है, चाहे जो भी कारण रहा हो, तो उसे ऐसे पाठ्यक्रम(पाठ्यक्रमों)/प्रश्नपत्र(प्रश्नपत्रों) के लिए विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है,
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 11, 2020
शिक्षा हमारे बच्चों के प्रति हमारा सबसे पवित्र कर्तव्य है, इसलिए हमारा विनम्र निवेदन है कि आइए हम शिक्षा से राजनीति छोड़ें और राजनीति को और अधिक शिक्षित बना, भारत के भविष्य (छात्रों) के निर्माण के प्रति अपना योगदान दें।#CBSE@PMOIndia @HMOIndia @HRDMinistry @PIB_India @MIB_India pic.twitter.com/u5pwt60oMz
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
चर्चा छात्रों के विकास और सशक्तिकरण पर होनी चाहिए, न कि उन्हें मोहरें की तरह इस्तेमाल करने और उस व्यवस्था का मखौल उड़ाने के लिए, जो युवाओं के जीवन को सशक्त बनाती है ।@NavbharatTimes pic.twitter.com/ZwTNLTTJ5Y
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 11, 2020
हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा, निष्पक्षता और समान अवसर के सिद्धांतो का पालन करना सर्वोपरि है।
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 11, 2020
साथ ही, विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है।
परीक्षा में अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर के छात्र छात्राओं को जनरल प्रमोशन ना मिलने के कारण छात्रों में नाराजगी है छात्र-छात्रा लगातार सोशल मीडिया पर प्रमोशन की मांग उठा रहेयह उनकी क्षमता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता का प्रतिबिंब है जो वैश्विक स्वीकार्यता के लिए आवश्यक है।
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 11, 2020
बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों को देखते हुए, UGC ने टर्मिनल सेमेस्टर की सभी परीक्षाएँ 30 सितंबर, 2020 तक करने का दिशा निर्देश जारी किया है ।