कविता "हिम्मत या साहस" कोरोनावायरस महामारी के संकट में हिम्मत बढ़ाती यह कविता


विद्या :-कविता
विषय:-साहस या हिम्मत

ईश्वर के रूपो को अबतक !
सका न कोई पहचान !!

कैसे आकर के मिले !
इसका नही अनुमान !!

धरती पर संकट बहुत !
है कोरोना की मार !!

रात और दिन लड रहे !
कितना हिम्मत का काम !!

सामने देखे मौत को !
कर रहे दो दो हाथ !!

फिर भी संघर्ष कर रहे !
कितने साहस की बात !!

चूक जरा सी भी हुई !
संक्रमण हो तत्काल !!

लेकिन फिर हर समय !
ना माने वो हार !!

ना खाने का है समय !
सोते नही दिन रात !!

राष्ट्र हित का वचन लिए !
हाजिर है हर हाल !!

मंदिर को छोड़ स्वयं !
रूप बनाया आए !!

मरते को जीवन दे रहे !
है ईश्वर साक्ष्यत !!

दर्द पड़े पर जो हरे !
करे दर्द का नाश !!

वो ही भगवान जगत में !
रूप धरो स्वयं आए !!

कितना संघर्ष कर रहे !
मृत्यु खड़ी चिल्लाए !!

फिर भी हिम्मत न हारे !
है किस माटी के लाल !!


🖊️डॉ लाल सिंह किरार
ग्राम व पोस्ट नया पूरा
तहसील अम्बाह 
जिला मुरैना (म.प्र.)


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