मध्यप्रदेश में B.Ed डिग्रीधारियों का भविष्य जल्दी तय होगा,शिक्षक बने रहेंगे या नौकरी जाएगी, MP Teacher Bharti

मध्यप्रदेश में B.Ed डिग्रीधारियों का भविष्य जल्दी तय होगा,शिक्षक बने रहेंगे या नौकरी जाएगी, MP Teacher Bharti

MP Teacher Bharti-मध्य प्रदेश की प्राथमिक शिक्षक भर्ती यानी एमपी शिक्षक भर्ती वर्ग 3 में B.Ed डिग्रीधारी को शामिल किए जाने को लेकर D.Ed डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों द्वारा कोर्ट की शरण ली गई थी, D.Ed वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी वर्ग 3 शिक्षक भर्ती से B.ED अभ्यर्थियों को बाहर किया जाए, इस संबंध में जबलपुर न्यायालय में विभिन्न याचिका दायर की गई थी इन पर सुनवाई चल रही है|

MP Teacher Bharti B.Ed VS D.Ed| मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग (MP DPI) एवं मध्यप्रदेश जनजाति विभाग (Tribal Department) मे 24 हजार से अधिक नियुक्तियों मे से लगभग 14 हजार बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप मे नियुक्तियां दी गई हैं, हालांकि मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में कोई आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं|
न्यायालय में दायर याचिकाओं की सुनवाई के इसी क्रम में शासन की ओर से अपना जबाब दाखिल किया जा चुका है, दाखिल जवाब में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा B.Ed VS D.ED के संबंध में पारित आदेश के संबंध में पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई है, इस आदेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट मे अगली सुनवाई  11/01/2024 निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय उपरांत ही यह तय होगा कि बी.एड. डिग्रीधारियों को नौकरी से हटाया जाएगा या नहीं,अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा इन सभी प्रकरणों की अगली सुनवाई तिथि 19/01/2024 को निर्धारित की गई है। 

न्यायालय के निर्णय का मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती वर्ग 3 पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

मध्य प्रदेश न्यायालय द्वारा MP B.Ed एवं D.Ed विवाद के प्रकरण में चल रही सुनवाई के निर्णय का मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा यदि निर्णय D.Ed डिप्लोमाधारी के पक्ष में आता है तो स्वाभाविक है कि मध्य प्रदेश प्राइमरी शिक्षक भर्ती वर्ग 3 में से B.Ed डिग्रीधारियों को बाहर किया जाएगा, जिसमें कोई लोगों की लगी लगाई नौकरी चली जाएगी वहीं दूसरी तरफ कई D.Ed डिप्लोमा धारी की नियुक्तियों के आसार बढ़ जाएंगे, B.Ed डिग्रीधारियों को सबसे बड़ा डर इस बात का है की नियुक्ति के समय भर्ती कोर्ट के अंतर निर्णय के अधीन की गई हैं| 
अब देखना यह है कि न्यायालय किसके पक्ष में फैसला देता है,कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही यह निश्चित होगा कि किसकी नौकरी जाएगी किसकी नौकरी लगेगी|